-
Your shopping cart is empty!
सूत्र

25 December, 2018
सूत्र
सूत्र
- राहू यदि छठे भाव में हो तो उसकी दादी विधवा होकर मरती है|
- दूसरे भाव में राहू नशा कराता है| यदि चंद्र भी साथ हो तो बहुत शराब पिता है|
- लग्न से छठे भाव तक जिस कुंडली में राहू बैठा हो उसकी प्रथम संतान 14 माह के अंदर हो जाती है|
- सप्तम भाव में राहू हो तो उसके चाल चलन ठीक नहीं होते|
- 12 भाव में राहू हो तो वह बिना मुल्क का नवाब होता है, बढ़िया खाना, घूमना, ऐश करना तथा पैसा आ ही जाता है, इच्छाएँ पूरी हो ही जाती है|
- सप्तम का राहू शारीरिक सफाई के मामले में लापरवाह होता है|
- जिसके लग्न में शनि हो उसका पेट कभी ठीक नहीं रहेगा और राहू भी साथ हो तो बहुत खराब रहेगा|
- शनि यदि चतुर्थ भाव में हो तो वह जन्म स्थान छोड़ देगा|
- सप्तम में शनि दाम्पत्य सुख बिगाड़ देता है|
- बारहवें भाव में मंगल और शुक्र हो तो 18 साल की उम्र से ही गलत आदतों का शिकार हो जाता है|
- बारहवें भाव में गुरु व शुक्र हो तो सर्व सुख घर बैठे ही मिल जाते है|
- द्वितीय भाव का शुक्र मिठाई बहुत खाता है|
- छठे भाव का शुक्र बारहवें भाव के शुक्र की तरह ही सुख देता है|
- सप्तम का शुक्र सुंदर पत्नी देता है|
- अष्टम भाव का शुक्र शुगर संबंधी रोग देता है|
- तृतीय भाव का शनि छोटे भाई का हनन करता है|
- शनि व सूर्य की युति किसी भी भाव में हो तो पिता पुत्र में मतभेद रहता है|
- सूर्य द्वितीय भाव परिवार में रूचि नहीं रखता| परिवार से बाहर वह शांति महसूस करता है|
- सूर्य तृतीय भाव में बड़े भाई या बहन का नाश करता है| शनि छोटे भाई तथा शनि और मंगल व छोटे और बड़े दोनों का नाश करता है|
- द्वितीय भाव का स्वामी छठे भाव में तथा छठे भाव का स्वामी अष्टम भाव में हो तो विधाता बाम हो जाता है|
- अष्टम भाव में केतु बवासीर देता है|
- द्वितीय, चतुर्थ और द्वादश भाव खराब हो तो सन्यास की ओर प्रेरित करता है|
- वृश्चिक या मकर राशि लग्न में हो तो वह कटुभाषी, तृतीय भाव में छोटा भाई, चतुर्थ भाव में माँ, पंचम भाव में संतान, छठे भाव में मामा, सप्तम भाव में पत्नी, नवम भाव में पिता तथा एकादश भाव में बड़ा भाई या बहन कटुभाषी होते है|
- कर्क व मकर लग्न की कुंडली की लड़की सती साध्वी नहीं होती|
- पंचम भाव में सूर्य व केतू गर्भ हानि करते हैं|
- 3, 6, व 11 भाव में शनि, मंगल व राहू शुभ होते है|