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हरियाली तीज
3 August, 2019
हरियाली तीज
आज हरियाली तीज है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज या हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार व्रत के रूप में लगभग पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है जिसमें विवाहित महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत को करवाचौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को रखने वाली ज्यादातर महिलाएं पूरे दिन बिना पानी की एक बूंद पिए ही रहती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को निर्जला ही रखते हैं इस दिन कुछ खाया पिया नहीं जाता।
हरियाली तीज का पर्व हिन्दू धर्म को मानने वाली महिलाओं के लिए बेहद खास है| तीज पर्व को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की याद में मनाया जाता है| इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए दिन-भर व्रत-उपवास रखती हैं| यही नहीं अच्छे पति की कामना के लिए अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को रखती हैं| मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत रखने से विवाहित स्त्रियों के पति की उम्र लंबी होती है, जबकि अविवाहित लड़कियों को मनचाहा जीवन साथी मिलता है| हरियाली तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है|
हरियाली तीज व्रत क्यों मनाया जाता है और इसका मुहूर्त क्या है? आगे जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें -
हरियाली तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज की तिथि: 03 अगस्त 2019
हरियाली तीज की तिथि आरंभ: 03 अगस्त 2019 की सुबह 07 बजकर 06 मिनट से.
हरियाली तीज की तिथि समाप्त: 04 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 36 मिनट तक.
जानें हरियाली तीज व्रत से जुड़ी 10 खास बातें-
1- हरियाली तीज व्रत करने के पीछे कथा है कि मां पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने के लिए बहुत ही कठिन तपस्या की थी। इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने आज ही के दिन यानी श्रावण मास शुक्ल पक्ष की तीज को मां पार्वती के सामने प्रकट हुए और उनसे शादी करने का वरदान दिया था।
2- मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा के लिए व्रत करती हैं जबकि कन्या मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए यह व्रत करती हैं।
3- इस दिन महिलाएं मिट्टी या बालू से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं।
4- पूजा के बाद मिट्टियों की इन मूर्तियों को नदी या किसी पवित्र जलाशय में प्रवाहित करने की मान्यता है।
5- व्रत करने वाले भक्त सुबह स्नान कर और मां-पार्वती की विधिवत पूजा कर इस व्रत को शुरू करते हैं।
6- कुछ स्थानों पर मां पार्वती और शिवलिंग की पूजा के वक्त मां पार्वती को शंकर जी वर के रूप में कैसे प्राप्त हुए इसकी कथा भी सुनाई जाती है। इस कथा को हरियाली तीज कथा के नाम से भी जानते हैं।
7- मान्यता के इस व्रत के दौरान पूरे दिन मां पार्वती और भगवान शिव का ही ध्यान करना चाहिए।
8- व्रत खोलने से पहले भगवान को खीर पूरी या हलुआ और मालपुए से भोग लगाना चाहिए।
9- विवाहित महिलाएं इस दिन जब पूजा के लिए तैयार होती हैं तो सोलह श्रृंगार करती हैं।
10- हरियाली तीज की पूजा सामग्री के रूप में गीली मिट्टी, पीले रंग का नया कपड़ा, बेल पत्र, कलावा, धूप-अगरबत्ती, कपूर, घी का दीपक, फूल-फल, नारियल और पंचामृत आदि इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे मनाते हैं हरियाली तीज?
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास करती हैं. साथ ही इस दिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार करती हैं, जिनमें हरी साड़ी और हरी चूड़ियों का विशेष महत्व है. दिन-भर स्त्रियां तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं. हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विधान हैं. स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं. कई जगह पति के साथ झूला झूलने की भी परंपरा है. शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन स्त्रियों को श्रृंगार का सामान भेंट किया जाता है. खासकर घर के बड़े-बुजुर्ग या सास-ससुर बहू को श्रृंगार दान देते हैं. हरियाली तीज के दिन खान-पान पर भी विशेष ज़ोर दिया जाता है. हालांकि इस दिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं, लेकिन फिर भी बिना मिठाइयों के त्योहार कैसा? तीज के मौके पर विशेष रूप से घेवर, जलेबी और मालपुए बनाए जाते हैं. रात के समय खाने में पूरी, खीर, हल्वा, रायता, सब्जी और पुलाव बनाया जाता है.
हरियाली तीज के लिए जरूरी पूजा और श्रृंगार सामग्री
हरियाली तीज के दिन व्रत रखा जाता है और पूजा के लिए कुछ जरूरी सामान की आवश्यकता होती है. पूजा के लिए काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, जनेऊ, धूप-अगरबत्ती, कपूर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल, घी,दही, शहद दूध और पंचामृत चाहिए . वहीं, इस दिन पार्वती जी का श्रृंगार किया जाता है और इसके लिए चूड़ियां, आल्ता, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, कंघी, शीशा, काजल, कुमकुम, सुहाग पूड़ा और श्रृंगार की अन्य चीजों की जरूरत होती है.
हरियाली तीज की पूजा विधि
- सुबह उठकर स्नान करने के बाद मन में व्रत का संकल्प लें.
- सबसे पहले घर के मंदिर में काली मिट्टी से भगवान शिव शंकर, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाएं.
- अब इन मूर्तियों को तिलक लगाएं और फल-फूल अर्पित करें.
- फिर माता पार्वती को एक-एक कर सुहाग की सामग्री अर्पित करें.
- इसके बाद भगवान शिव को बेल पत्र और पीला वस्त्र चढ़ाएं.
- तीज की कथा पढ़ने या सुनने के बाद आरती करें.
- अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिंदूर अर्पित कर भोग चढ़ाएं.
- प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत का पारण करें.
हरियाली तीज की व्रत कथा
हरियाली तीज की व्रत कथा इस प्रकार है: शिवजी कहते हैं, 'हे पार्वती! बहुत समय पहले तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था. इस दौरान तुमने अन्न-जल त्याग कर सूखे पत्ते चबाकर दिन व्यतीत किया था. मौसम की परवाह किए बिना तुमने निरंतर तप किया. तुम्हारी इस स्थिति को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुःखी और नाराज़ थे. ऐसी स्थिति में नारदजी तुम्हारे घर पधारे.
जब तुम्हारे पिता ने उनसे आगमन का कारण पूछा तो नारदजी बोले- 'हे गिरिराज! मैं भगवान् विष्णु के भेजने पर यहां आया हूं. आपकी कन्या की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर वह उससे विवाह करना चाहते हैं. इस बारे में मैं आपकी राय जानना चाहता हूं.' नारदजी की ब