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किस गण मे हुआ आपका जन्म और क्या है उस गण की विशेषता
12 May, 2023
किस गण मे हुआ आपका जन्म और क्या है उस गण की विशेषता
किस
गण मे हुआ आपका जन्म और क्या है उस गण की विशेषता
आपका
जन्म जिस नक्षत्र मे होता है उसकी विशेषता अनुसार आप किस गण के व्यक्ति है| हमारे ज्योतिष शास्त्र मे हमारे
जीवन के सूक्ष्म से सूक्ष्म बातों को बताया गया है और उन सबका हमारे जीवन पर क्या
प्रभाव पड़ता है ये देखा जाता है| आज हम इस लेख मे “गण का
महत्व” पर चर्चा करेंगे|
इस
धरती पर प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी एक गण मे जन्म लेता है| इन गणो को तीन भागो मे बांटा
गया है – देव, मनुष्य और राक्षस|
गणो
के आधार पर ही हम कुछ बातों को लेकर चिंतित हो जाते है जिसके लिए हम आपके लिए आज
का लेख लिख रहे है कि कौन सा गण आपके बारे मे क्या दर्शाता है-
1.
देव गण – इस गण के व्यक्ति दानी, बुद्धिमान, कोमल हृदय, विकसित, अनुशासित, करुणामय, जिम्मेदार, चौकस, सामंजस्य, मानवतावादी, पूर्णतावादी,
आध्यात्मिक, परंपरावादी व कम खाने वाला होता है|
इसके विचार अच्छे होते है| यह अपने हित से पहले दूसरों के
हित के बारे मे सोचता है तथा समाज मे इनकी बातों पर भी ध्यान दिया जाता है|
2.
मनुष्य गण – इस गण के व्यक्ति कल्पनाशील, बौद्धिक,
अभिनव, बहिर्मुखी, व्यावहारिक, वार्ताकार, प्रेरक,
प्रयोगात्मक, कलात्मक, प्रभावशाली, व्यापारी, व्यवसायी, शोधकर्ता, स्वतंत्र, धनवान, शास्त्रों
के जानकार, बड़े नेत्र व समाज मे सम्मान पाने वाले होते है|
3.
राक्षस गण – इस गण के व्यक्ति के पास जो मुख्य माना जाता है वो है
सिक्स सेंस (छठी इंद्री) | इस गण
के व्यक्ति मे इतनी क्षमता होती है वो किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से डरते नही
बल्कि डटकर उसका मुक़ाबला करते है| इनमे प्रबल इच्छा शक्ति व
साहस होता है| इस गण के व्यक्ति सहज,
तार्किक, विश्लेषणात्मक, जोखिम लेने
वाला, अराजक, प्रमुख, पेशेवर, मुक्त उत्साही,
समस्या हल करने वाला, मज़ाकिया,
रचनात्मक, दृढ़ निश्चयी, निराशावादी, ऊर्जावान, न्याय करने वाला,
संवेदनशील और निर्णायक होता है|
इन नक्षत्रों के अनुसार देव, मनुष्य व राक्षस
गण को देख व जान सकते है –
देव गण – अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, रेवती
मनुष्य गण – भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पू. फा., उ. फा., पू. षा., उ. षा., पू. भा., उ. भा.,
राक्षस गण – कृत्तिका, आश्लेषा, मघा, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा, शतभिषा