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गोमेद रत्न
गोमेद को राहु रत्न माना जाता है| जिस रत्न का रंग गोमूत्र के समान हो, या मधु के रंग का हो या फिर अंगारे के रंग का हो व्ही गोमेद होता है| गोमेद को अंग्रेजी में जिरकॉन कहते है| गोमेद रत्न का स्वामी राहु है| यह गहरे रंग का व आकर्षक होता है| गोमेद गारनेट रत्न समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाईट कहते है| यह एक प्रभावशाली रत्न है जो राहु के दोषों को दूर करता है|
लाभ
- किसी भी जातक की कुण्डली में राहु जिस भाव में हो और उस भाव के फल को बढ़ाने के लिए राहु रत्न गोमेद पहनना चाहिए|
- मेष लग्न की कुण्डली में यदि राहु नवे घर में है तो गोमेद पहनने से जातक का भाग्य बलवान होता है|
- गोमेद को पहनने से राहु का अशुभ प्रभाव दूर होता है|
- कालसर्प दोष के कष्टों से भी बचाव होता है|
- गोमेद को धारण करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य व धन संपत्ति की दशाये अच्छी रहती है|
- यदि राहु जन्मकुंडली में अशुभ भावों का स्वामी होकर अपने स्थान से छठे या आठवे स्थान में हो तो जातक को गोमेद धारण करना चाहिए|
वास्तविक रत्न की पहचान कैसे करें?
- गोमेद को लकड़ी के बुरादे से रगड़ने पर अधिक आभावान होता है|
- गौमूत्र के अंदर गोमेद अपना रंग बदल लेता है|
रंग – पीला, रंगहीन, भूरा, बैंगनी, नीला, नारंगी, लाल|
कठोरता- 6.5- 7.5
आपेक्षिक घनत्व- 3.90- 4.71
वर्तनांक- 1.777- 1.987
चमक- हल्का नारंगी, कमजोर, हल्का नीला, हल्का लाल और भूरा|