धनतेरस का त्यौहार

1 November, 2021
धनतेरस का त्यौहार

धनतेरस का त्यौहार

इस बार धनतेरस का त्यौहार 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा| धनतेरस के दिन से दिवाली की शुरुआत होती है| धनतेरस पर भगवान धनवंतरि और यमराज की विशेष पूजा करने की परंपरा है| इस दिन धन के देव कुबेर, मां लक्ष्‍मी, धन्‍वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है| इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है|

धनतेरस पर क्या करना चाहिए –

¨      धनतेरस के दिन बहुत से लोग स्टील के बर्तन घर ले आते हैं, जबकि इन्हें खरीदने से बचना चाहिए| स्टील शुद्ध धातु नहीं है, इस पर राहु का प्रभाव भी ज्यादा होता है| आपको सिर्फ प्राकृतिक धातुओं की ही खरीदारी करनी चाहिए| मानव निर्मित धातु में से केवल पीतल खरीदा जा सकता है|

¨      धनतेरस पर कुछ लोग एल्यूमिनियम के बर्तन या सामान भी खरीद लेते हैं| इस धातु पर भी राहु का प्रभाव अधिक होता है| एल्यूमिनियम को दुर्भाग्य का सूचक माना गया है|

¨      ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लोहे को शनिदेव का कारक माना जाता है, इसलिए लोहे से बनी चीजों को धनतेरस पर भूलकर भी खरीदने की गलती न करें|

¨      इस दिन चाकू, कैंची, पिन, सूई या कोई धारदार सामान खरीदने से सख्त परहेज करना चाहिए| धनतेरस पर इन चीजों को खरीदना शुभ नहीं माना जाता है|

¨      धनतेरस पर प्लास्टिक से बना किसी भी तरह का सामान घर न लेकर आएं|

¨      धनतेरस पर सेरामिक (चीनी मिट्टी) से बने बर्तन या गुलदस्ता आदि खरीदना से बचना चाहिए|

¨      धनतेरस के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए|

¨      धनतेरस के दिन यदि आप कोई बर्तन या इस्तेमाल करने का सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसे घर में खाली न लेकर आए| घर में बर्तन लाने से पहले इसे पानी, चावल या किसी दूसरी सामग्री से भर लें|  

¨      नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें। 

¨      सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें। 

¨      मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं।

¨      यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं। 

¨      हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें।

¨      कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं। 

¨      कुबेर पूजन करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें। पश्चात नवीन वस्त्र बिछाएं।

¨      सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें।

¨      निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं - 

श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं।

 

इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें - 

'यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 

धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।'  

इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें। यम के निमित्त दीपदान करें। 

¨       तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें।

¨      पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें- 

'मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह। 

त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम। 

अब उन दीपकों से यम की प्रसन्नता के लिए सार्वजनिक स्थलों को प्रकाशित करें।

 

आइए जानते हैं राशि अनुसार धनतेरस पर लोगों को किस चीज की खरीदारी करनी चाहिए.

·       मेष- इस राशि के लोग धनतेरस पर सोना-चांदी के आभूषण या सिक्के, बर्तन, वस्त्र आदि खरीद सकते हैं|

·        वृषभ- इस राशि के लोगों को सोना, चांदी, पीतल, कम्प्यूटर, बर्तन, केशर, चंदन आदि चीजें खरीदना चाहिए| 

·       मिथुन-इस राशि के लोगों को भूमि, मकान&

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