सोमवती अमावस्‍या

21 August, 2017
सोमवती अमावस्‍या

                                                         सोमवती अमावस्‍या


ह‍िंदू कैलेंडर में अमावस्‍या त‍िथि‍ हर माह पड़ती है। इसका कोई द‍िन न‍िश्‍च‍ित नहीं है। ज‍िससे यह अपने क्रमानुसार क‍िसी भी द‍िन पड़ जाती है। हालां‍क‍ि जब यह अमावस्‍या सोमवार के द‍िन पड़ती है तो इसका महत्‍व ज्‍यादा होता है, क्‍योंक‍ि इस द‍िन का सीधा संबंध भगवान श‍िव से होता है। ऐसे में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्‍या को सोमवती अमावस्‍या कहते हैं। शास्‍त्रों के मुताब‍िक सोमवती अमावस्या के दिन वि‍ध‍िवि‍धान से पूजा पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है। मह‍िलाओं के ल‍िए बेहद खास होता है। इस द‍िन पत‍ि की दीर्घायु की कामना की जाती है। वहीं कन्‍याओं द्वारा सोमवती अमावस्‍या की पूजा क‍िए जाने से उन्‍हें मनचाहा पत‍ि म‍िलता है। इस दि‍न पर पीपल वृक्ष की पूजा होती है। पि‍तृ दोष दूर करने के लि‍ए भी यह द‍िन खास होता हैं।

पत‍ि की लंबी आयु के ल‍िए

महि‍लाएं इस द‍िन सुबह उठकर सबसे पहले नदी आद‍ि में स्‍नान करें। उसके बाद सूर्य या फ‍िर तुलसी के वृक्ष में जल दें। भगवान श‍िव जी पर भी जलाभ‍िषेक करें। इसके बाद पीपल के पेड़ क नीचे जाकर वहां पर व‍िध‍िवि‍धान से उस वृक्ष की पूजा करें। पूजा में दूध, दही, फूल, चावल, हल्‍दी, त‍िल व सोलह श्रृंगार का सामान चढाएं। इसके बाद टॉफी, ब‍िस्‍कि‍ट, रूमाल, मेवा या फ‍िर सुहाग की क‍िसी भी एक सामान से कम से कम 14 बार पीपल की फेरी लगाएं। इन सामान की संख्‍या भी 14 होनी चाह‍िए। इसके अलावा यह फेरी ज्‍यादा से ज्‍यादा 108 बार ही लगानी चाह‍िए। फेरी लगाते समय पीपल में सफेद या पीला धागा लपेटना चाह‍िए। पूजा के समापन के बाद यह सारा सामाना कन्‍याओं या फ‍िर स‍ुहागि‍नों में बांट देना चाह‍िए। 

प‍ितृ दोष से म‍िलती राहत

वहीं ज‍िन लोगों के ऊपर प‍ितृ दोष होते हैं उनके ल‍िए भी यह द‍िन बहुत खास होता है। प‍ितृदोष से परेशान लोगों को इस द‍िन पीपल के पेड़ के नीचे जाकर उसकी पूजा करनी चाह‍िए। यहां पर पीपल के पेड़ पर भगवान व‍िष्‍णु का नाम लेकर एक जनेऊ चढाएं। म‍िठाई आद‍ि का भोग लगाने के बाद करीब 108 बार पीपल के पेड़ की पर‍िक्रमा करें। वहीं सोमवती अमावस्‍या के द‍िन दूध से बनी खीर द्वारा दक्षिण दिशा में प‍ितृ की तस्‍वीर के सामने हवन करने से दोष दूर होता है। इसके अलावा एक आसान उपाय यह भी है क‍ि इस दि‍न कौओं और मछलियों को चावल और देशी घी से बने लड्डू देने से भी दोष में कमी आती है। इतना ही नहीं भोजन एवं दक्षिणा आद‍ि का दान करने से भी काफी हद तक दोषों से छुटकारा म‍िलता है। जीवन सरल बनता है। 

 

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