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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
30 July, 2020
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? क्या है रक्षाबंधन का महत्व?
भाई-बहनों का विशेष पर्व यानी रक्षाबंधन आने ही वाला है। इस दिन बहनें जब तक भाइयों के राखी
नहीं बांधती हैं तब तक भोजन ग्रहण नहीं करती हैं।
रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाइयों के लिए प्रार्थना करती हैं तो भाई बहनों को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
लेकिन हम में से बहुत
कम लोग ऐसे होंगे जो रक्षाबंधन का सही महत्व जानते होंगे।
रक्षाबंधन का महत्व:
प्राचीन काल से ही रक्षा सूत्र बांधने की परम्परा चली आ रही है। इसके लिए एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है।
कथा के अनुसार, एक बार जब देवताओं और असुरो में युद्ध छिड़ गया था तब देवताओं की स्थिति हारने वाली हो गई थी।
हार के डर से देवगण इंद्र देव के पास पहुंचे। इंद्र देव ने देवताओं को डरा हुआ देख इन्द्राणी ने देवताओं के हाथ में रक्षा
कवच के तौर पर रक्षासूत्र बांध दिया। इसके बाद में देवताओं ने असुरों पर विजय प्राप्त की और अपना खोया हुआ राजपाट
वापस हासिल कर लिया। यह रक्षा विधान श्रावण मास की पूर्णिमा
तिथि पर ही शुरू किया गया था।
एक अन्य कथा के अनुसार, ऋषि मुनि भी अपने राजाओं को रक्षा सूत्र बांधते थे। रानी कर्णावती ने भी अपनी रक्षा हेतु बादशाह
हुमायु को राखी भेजी थी। माना गया है कि हुमायु को कर्णावती ने अपना भाई माना था। ऐसे में यह स्पष्ट है कि प्राचीन काल से ही
रक्षा बंधन
का प्रचलन चला आ रहा है।
रक्षाबंधन की पूजा विधि:
पवित्र पर्व के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत हो जाएं। फिर पूजा की थाल सजाएं जिसमें राखी के साथ रोली, चंदन, अक्षत,
मिष्ठान और पुष्प रखें। इसमें घी का दीपक भी जलाएं। इस थाल को पूजा
स्थान पर रख दें। सभी देवी देवातओं का स्मरण करें।
धूप जलाएं और पूजा करें। फिर भगवान
का आर्शीवाद लें। भाई की आरती कर उसकी कलाई में राखी बांधें।
शास्त्रीय विधान के अनुसार, रक्षा बंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित काल में ही मनाया जाना चाहिए। ऐसा कहा गया है-
भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी……।
अतः हिन्दू शास्त्र के अनुसार, इस साल सावन के आखिरी सोमवार यानी 3 अगस्त 2020 पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है।
साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है।
3 अगस्त 2020 को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो जाएगा।
दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा व शुभ समय है। इसके बाद शाम को
7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है।
समय
सुबह - 9.30 बजे से 10.30 बजे तक
दोपहर - 1.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक
शाम - 7.30 बजे से रात 10.30 बजे तक
रात 10.30 बजे से रात 12.00 बजे तक
राखी बांधते समय पढ़ें यह मंत्र
राखी बांधते समय बहनों को यह मंत्र पढ़ना चाहिए ताकि इसका शुभ परिणाम मिल सके। यह रक्षा सूत्र: अगर राखी बांधते
समय
बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो यह बेहद ही शुभ होता है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन
महाभारत में भी आता है।
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो
महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा
चल।।
अर्थात् राजा बली ने भी अपनी रक्षा के लिए हनुमान जी को रक्षा सूत्र बांधकर अपना भाई बनाया था। रक्षा की प्रार्थना की थी।
इसी प्रकार हे हनुमान, मेरे भाई की समस्त संकटों से रक्षा कीजिये।