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होलिका पूजन
8 March, 2020
होलिका पूजन
होली से पूर्व रात्रि में होलिका
दहन किया जाता है। इसके लिए होलाष्टक के प्रारंभ से ही चौक-चौराहों पर होलिका
बनानी शुरू हो जाती है। हालांकि कई जगहों पर होलिका दहन से कुछ दिन पूर्व ही
होलिका बनाना शुरू होता है। होलिका दहन से आस-पास के वातावरण में नई एवं सकारात्मक
ऊर्जा का संचार होता है। लोगों के कष्टों का नाश होता है। इस वर्ष होली पर आपको
किस प्रकार होलिका दहन करनी चाहिए, उसकी विधि और मुहूर्त क्या है, इन सबकी जानकारी होनी जरूरी है।
होलिका की तैयारी
होलिका दहन से कुछ दिन पूर्व एक
स्थान पर पेड़ की टहनियां, गोबर की उप्पलें, सुखी लकड़ियां, घास-फूस आदि एकत्र की जाती हैं।
होलिका दहन के दिन से पूर्व हर रोज वहां सुखी लकड़ियां, उप्पलें आदि रखी जाती हैं। देखते-देखते फाल्गुन पूर्णिमा तक वहां
सुखी लकड़ियों, उप्पलों आदि का एक ढेर लग जाता है।
अब होलिका पूजन के सामग्री तैयार रखनी है।
होलिका पूजन सामग्री
एक लोटा जल, चावल, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां आदि।
होलिका दहन मुहूर्त
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका
दहन किया जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 09 मार्च दिन सोमवार को प्रात:काल 03:03 बजे हो रहा है और समापन उसी रात 11:17 बजे होगा। होलिका दहन के लिए मुहूर्त शाम के समय 06:26 बजे से रात 08:52 बजे तक है। इस मुहूर्त में होलिका
दहन करना शुभदायी होगा।
होलिका दहन में ध्यान रखने वाली बात
होलिका दहन भद्रा के समय में नहीं
करना चाहिए। भद्रा रहित मुहूर्त में ही होलिका दहन शुभ होता है। इसके अलावा
चतुर्दशी तिथि, प्रतिपदा एवं सूर्यास्त से पूर्व
कभी भी होलिका दहन नहीं करना चाहिए।
होलिका पूजा
हालिका दहन से पूर्व होलिका की पूजा
की जाती है। होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें। अब सबसे पहले
गणेश और गौरी जी की पूजा करें। फिर 'ओम होलिकायै नम:' से होलिका का, 'ओम प्रह्लादाय नम:' से भक्त प्रह्लाद का और 'ओम नृसिंहाय नम:' से भगवान नृसिंह की पूजा करें। इसके
बाद बड़गुल्ले की 4 मालाएं लें, एक पितरों के नाम, एक हनुमान जी के लिए, एक शीतला माता के लिए और एक अपने परिवार की होलिका को समर्पित करें।
अब होलिका की तीन या सात बार
परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेट दें। इसके बाद लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री
होलिका को समर्पित कर दें। धूप, गंध, पुष्प आदि से होलिका की पूजा करें। फिर अपनी मनोकामनाएं कह दें और
गलतियों की क्षमा मांग लें।
होलिका दहन विधि
अब होलिका पूजा के बाद जल से अर्घ्य
दें। इसके बाद होलिका दहन मुहूर्त के अनुसार होलिका में अग्नि प्रज्वलित कर दें।
होलिका के आग में गेंहू की बालियों को सेंक लें। बाद में उनको खा लें, इससे आप निरोग रहेंगे|
होली पर क्या करें
1. होली के दिन अपनी जेब में काले कपड़े में पीली सरसो,लौंग, जायफल और काले
तिल बांधकर रखें और जलती होली में उन्हें डाल दें। ऐसा करने से आप पर नकारात्मक
शक्ति का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
2. इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और पूरे हर्ष और उल्लास के साथ होली
मनानी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की खुशियां और भी अधिक बढ़ेंगी।
3. होली के दिन आपको सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए चाहें वह आपका
दुश्मन ही क्यों न हो। यदि आप ऐसा करते हैं तो समाज में आपका भी मान- सम्मान और
अधिक बढ़ेगा।
4.इस दिन आपको घर की साफ सफाई अच्छी तरह से अवश्य करनी चाहिए और साथ ही
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी।
5. होली के दिन घर में मीठे पकवान अवश्य बनाने चाहिए और पहले इसका भोग
भगवान को लगाकर खुद भी खाना चाहिए और दूसरों को भी बांटने चाहिए। ऐसा करने से आपके
जीवन में भी खुशियां बढ़ेंगी।
6.होलिका दहन की अग्नि में गेहूं की बालें अवश्य भूने। लोगों से अवश्य
मिलें। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशियां और भी ज्यादा बढ़ेंगी।
7. होली खेलने वाले दिन अपने घर के बुजुर्गों के पैरों पर गुलाल लगाकर
उनका आशीर्वाद अवश्य लें। ऐसा करने से आपको अपने घर के बड़ों का आशीर्वाद तो
मिलेगा ही साथ ही आपको भगवान की कृपा भी प्राप्त होगी।
8. होलिका दहन के अगले दिन होलिका की राख अपने घर में अवश्य लाएं और उसे
अपने घर के चारों कोनों में डाल दें। ऐसा करने से आपके घर का वास्तु दोष समाप्त हो
जाएगा।
9. इस दिन होली के जलने के बाद उसकी राख को अपनी तिजोरी में अवश्य रखना
चाहिए। ऐसा करने से आपको कभी भी धन की कमीं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
10. होलिका दहन के बाद उसकी अग्नि को अपने घर अवश्य लाएं और पूरे घर में
घूमाकर अपने घर में गोबर से बने उपलों की होली अवश्य जलाएं। ऐसा करने से आप पर
सदैव भगवान का आशीर्वाद बना रहेगा।
होली पर क्या न करें
1. होलिका दहन वाले दिन सफेद खाद्य पदर्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्योंकि होलिका दहन के दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक रहता है।
2. होली के दिन अपने सिर को ढक कर अवश्य रखें। यदि आप पुरूष हैं तो आपको
इस दिन टोपी अवश्य लगानी चाहिए और यदि महिला हैं तो आपको अपनी साड़ी का पल्लू सिर पर रखना चाहिए। क्योंकि होली के दिन बुरी शक्तियां सिर पर
से ही शरीर में प्रवेश करती हैं।
3. यदि आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति हो चुकी है तो आपको होली के दिन न
तो होली गाड़नी चाहिए और न हीं जलानी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके पुत्र को
परेशानी हो सकती है।
4.सूर्यास्त के बाद होली न तो खेलनी चाहिए और न हीं किसी के ऊपर रंग
डालना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
5.होली के दिन सूर्य के डूबने के बाद होली मिलन के लिए बिल्कुल भी नहीं
जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से दोनों
ही व्यक्तियों के ऊपर भारी संकट के आने की संभावना होती है।
6. किसी भी नविवाहित लड़की को होली जलते हुए नहीं देखना और इसके साथ ही सास और बहु को भी एक साथ हो