ग्यारह मुखी

ग्यारह मुखी


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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र के सामान माना जाता है| इसे एक मुखी रुद्राक्ष का प्रतिरूप भी कहा जाता है| यह एकादश मुखी रुद्राक्ष सुख समृद्धि दायक होता है. इसे धारण करने से सभी कार्यो में सिद्धि प्राप्ति होती है| ग्यारह मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक प्रभाव से युक्त माना गया है| इसे ग्यारह रुद्रों एवं भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का प्रतीक भी कहते हैं|

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष एक सौ सहस्त्र गायों के सम्यक दान के बराबर फल प्रदान करने वाला है| इस रुद्राक्ष पर इन्द्र का स्वामित्व है| अत: इसे धारण करने से प्रसन्नता, ऎश्वर्य एवं यश की प्राप्ति होती है| इसके द्वारा इन्द्रियाँ एवं मन नियंत्रित रहते हैं| यह योग साधना, यम - नियम , आसन - षटकर्म तथा अन्य यौगिक क्रियाओ में सहायक है|

लाभ:-

  1. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष एकादशी में गले या सिर पर धारण करने से विष्णु भगवान प्रसन्न होते है और अश्वमेघ यज्ञ का फल प्रदान करते है|
  2. वन्ध्या स्त्री को विश्वास पूर्वक धारण करने पर संतानवती होने का सौभाग्य प्राप्त होता है|
  3. मस्तिष्क संबंधी विकारों से पीड़ित व मष्तिष्कीय कार्य करने वाले लोगो को शक्ति प्राप्त होती है|

मंत्र:- ॐ ह्रीं ह्रूं नम:| ॐ सर्वेभ्यो रुद्रेभ्यो नम:|

पहचान कैसे करे:-

  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा |
  • रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है |
  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है |
  • दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं |
  • एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा. यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है |
  • एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है |
  • क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है |
  • कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है |
  • रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए |

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