चौदह मुखी

चौदह मुखी


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यह हनुमान जी का स्वरुप है| यह चौदह विद्या, चौदह लोक, चौदह मनु का साक्षात् रूप है इसे धारण करने से सभी पापो से छुटकारा मिलता है व समस्त व्याधियाँ शांत हो जाती है तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है| चतुर्दशमुखी को शिखा पर धारण करने से व्यक्ति को परम पद की प्राप्ति होती है| रुद्राक्ष में भगवान हनुमान का निवास होने के कारण कोई भी बुरी बाधा, भूत, पिशाच व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुँचा पाती, व्यक्ति निर्भय होकर रहता है| चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शक्ति सामर्थ्य एवं उत्साह का वर्धन होता है और संकट समय संरक्षण प्राप्त होता है|

लाभ:-

  1. चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करके हनुमान जी की उपासना करने पर परमपद की प्राप्ति होती है व भक्ति प्राप्ति होती है|
  2. यह रुद्राक्ष धारण करने से शनि और मंगल की शांति होती है तथा दुष्ट शत्रुओं का नाश होता है|
  3. इस रुद्राक्ष की माला पर भगवान पुरुषोत्तम के मन्त्रो का जाप करने से बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है तथा सदाचार भावना उत्पन्न होती है|

मंत्र:- ॐ हनुमते नम:| ॐ नम:|

पहचान कैसे करे:-

  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा |
  • रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है |
  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है |
  • दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं |
  • एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा. यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है |
  • एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है |
  • क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है |
  • कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है |

रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए |

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