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गौरी गणेश रुद्राक्ष
प्राकृतिक रूप से आपस में जुड़े गणेश-गौरी रुद्राक्ष को शिव पार्वती के समान अपार शक्ति वाला शिव-शक्ति का स्वरुप मानागया है| इसे धारण करने से शिव और शक्ति अर्थात माता पार्वती की कृपा समानरूप से प्राप्त होती है| इसे धारण करने से पति- पत्नी के आपसी प्रेम में वृद्धि होती है औरउनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है|स्वास्थ्य अनुकूल रहता है, आयु में वृद्धिहोती है तथा प्रतियोगिता परिक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है|
लाभ:-
- इसे धारण करने से गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी के मध्य प्रेम तथा विशेष सुख शांति प्राप्त होती है|
- यह रुद्राक्ष धनागमन एवम व्यापार उन्नति में अत्यंत सहायक माना गया है|
- गणेश-गौरी रुद्राक्ष धारण करने से पुरुषों को स्त्री सुख प्राप्त होता है तथा परस्पर सहयोग एवम सम्मान तथा प्रेम में वृद्धि होती है|
- यह रुद्राक्ष शिव भक्ति के लिए अधिक उपयोगी माना गया है, भगवान शिव और माँ शक्ति इस रुद्राक्ष में निवास करते है|
मंत्र:- ॐ गौरीशंकराय नम:|
पहचान कैसे करे:-
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा|
- रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा| यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है|
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है|
- दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं|
- एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा| यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
- एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता हैक्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है|
- कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है|
रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए|